अंगेजी सिखने को लेकर कई प्रकार के सवाल मन में आते रहते हैं , जैसे की फर्राटेदार English को कैसे बोले ? जब हम किसी Interview में बैठे हों तब हम Effective English Spoken कैसे करें ? बिना डरे हुए English Communication कैसे किया जाए ? ऐसे बहुत सरे प्रश्न आपके भी मन में पैदा होते होंगे। दोस्तों आज के इस आर्टिकल , जिसका टाइटल है “5 English Speaking Rules You Need To Know!”, में मैं आप लोगों को कुछ English Speaking Rules बतायूंगा , जिनकी मदद से आप Confort English बड़े आराम से एवं बिना डरे बोल सकेंगे.
तो बिना देर किये हम सीधा – सीधा अपने Topic पर आते हैं और English Speaking के कुछ Rules जानते हैं, इसलिए आप लोगों से Request है कि इस Article को पूरा पढ़ें.
Don’t Study Grammar Too Much
Hmm !!! ,मुझे पता है कि, ऊपर का heading पढ़कर आपको , जरूर कुछ आश्चर्य हुआ होगा ? लेकिन यह सत प्रतिशत सच है. आज कल अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना बहुत जरुरी है , पर लोगों को अंग्रेजी सिखने का सही तरीका नहीं पता है . English Coaching , English Tution , English Speaking , English Grammar के नाम पर लोगों को इतना भ्रमित कर दिया जाता है कि लोग English Spoken को लेकर confuse हो जाते हैं. एक सर्वे के मुताबिक अधिकांश English Tutor का मानना है कि English Speaking के लिए बहुत ज्यादा Grammar की जरुरत नहीं होती है. हाँ Basic Grammar से काम चल सकता है.
This is very important not only for ESL students but also for all students who want to improve their English speaking level. If you wish to pass the English exam then you have to study grammar. But only if you want to speak English fluently then you can speak without studying grammar.
According to a friend of mine who is a native English speaker, studying too much grammar will slow you down if you want to be fluent in English.
According to a survey, you don’t need 100% grammar to speak English. You only need 20 or 30%. As Hindi-speaking people do not have full knowledge of Hindi grammar, then they can speak good Hindi. Similarly, speaking English also does not require complete grammar knowledge. Recently I asked some of my native English friends some English grammar questions, all but a few of whom got the answer wrong. But even after this, he can communicate fluently in English.
If you focus more on grammar, you will naturally end up thinking about the rules of sentence formation instead of saying a sentence.
Learn And Study Phrases:
शब्दों और वाक्यांशों को एक साथ सीखना अति आवश्यक है। कभी-कभी अगर हमें उचित वाक्य बनाना नहीं आता है, तो हम कई शब्दों को एक साथ जोड़कर एक वाक्य या कोई भी वाक्य बनाने की कोशिश करते हैं। इसका कारण यह है कि हमने वाक्यांशों का अध्ययन नहीं किया।
कभी कभी 100 शब्द से मिलकर भी एक वाक्य पूर्ण नहीं हो पाता है , जबकि 1 शब्द ही काफी होता है उस वाक्य को पूरा करने के लिए। इसलिए शब्दों का सही ज्ञान होना बहुत जरुरी होता है।
आप 1000 शब्द एक दिन में तो नहीं याद कर पाएंगे , लेकिन यदि प्रतिदिन सिर्फ 10 नए शब्द याद करें तो 100 दिन में आप 1000 शब्द याद कर लेंगे। और तब आपको इंग्लिश स्पीकिंग में बहुत कॉन्फिडेंस मिलेगा। इसलिए आज से ही संकल्प करें की कम से कम 10 नए शब्द डेली याद करने हैं।
Learning words and phrases together is essential. Sometimes if we do not know how to make a proper sentence, then we try to make a sentence or any sentence by joining several words together. This is because we did not study the phrases.
Sometimes a sentence is not complete even after consisting of 100 words, while only 1 word is enough to complete that sentence. That’s why it is very important to have the right knowledge of words.
You will not be able to remember 1000 words in a day, but if you remember only 10 new words every day, then in 100 days you will remember 1000 words. And then you will get a lot of confidence in English speaking. That’s why to take a resolution from today itself to memorize at least 10 new words daily.
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Reading & Listening is not enough. practice speaking what you hear :
पढ़ना, सुनना और बोलना किसी भी भाषा के लिए सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अंग्रेजी के लिए भी यही सच है। आजकल आपने देखा होगा कि स्कूलों में या संस्थाओं में इंग्लिश शिक्षक हमें पहले , पढ़ना, उसके बाद लिखना, फिर सुनना और अंत में बोलना सिखाते हैं . जबकि प्रकति हमे पहले सुनना , फिर बोलना , उसके बाद पढ़ना और लिखना सिखाती है ।
किसी भी भाषा में धाराप्रवाह बनने के लिए, सबसे पहले उस भाषा को बोलने आना चाहिए । उदाहरण , जैसे बच्चों सबसे पहले बोलना शुरू करते हैं , उसके बाद पढ़ना और अंत में लिखना।
तो ठीक इसी तरह हमे भी यही करना है , पहले किसी को बोलते हुए सुनना है , फिर बोलने की कोशिश करना है, और उसके बाद पढ़ना और लिखना करना है। इसलिए जितना हो सके इंग्लिश संवाद को सुने, और उसे बोले।
Reading, listening and speaking are the most important parts of any language. The same is true for English. Nowadays you must have seen that English teachers in schools or institutions teach us first, reading, then writing, then listening and finally speaking. While nature first teaches us to listen, then to speak, then to read and write.
To become fluent in any language, one must first know how to speak that language. For example, children first start with speaking, then with reading, and finally with writing.
So in the same way we have to do the same, first listen to someone speaking, then try to speak, and then read and write. That’s why listen to the English dialogue as much as possible, and speak it.
Submerge Yourself :
दुनिया का हर एक व्यक्ति किसी न किसी भाषा को जरूर बोलता एवं समझता है। ऐसा बिलकुल जरुरी नहीं है कि वह व्यक्ति उस भाषा को बोलने के लिए ज्यादा पढ़ा – लिखा हो। मेरा मानना है कि किसी भी भाषा को बोलने के लिए बहुत ज्यादा पढ़ाई – लिखाई करने के जरुरत नहीं है , यदि आप अपने आप को उस भाषा में विलीन कर देते हैं। मतलब की उस भाषा में एकदम से रम जाओ।
अगर आपको इंग्लिश बोलनी है तो , अपने आस – पास का माहौल इंग्लिश जैसा बनाओ। हर चीजों को English के नजिरए से देखो , सुनो और पढ़ो। यंहा तक की सब कुछ इंग्लिश में ही सोचो . जैसे आपको खेलने जाना है तो उसे इंग्लिश में ही सोचिये कि ” i want to go for play”.
Every person in the world definitely speaks and understands one or the other language. It is not at all necessary that the person should be highly educated to speak that language. I believe that there is no need to study a lot to speak any language if you immerse yourself in that language. That means getting immersed in that language immediately.
If you want to speak English, then make the environment around you like English. See, listen and read everything from the point of view of English. Even think of everything in English only.
Study Correct Material :
एक बात तो सत्य है कि – “Practice make perfect” अर्थात आप जितना Practice, English Speaking के लिए करेंगे , आप उतने ही Perfect होते जायेंगे। आप एक अच्छा से English Speaking करने वाला Friend बनायें और उसकी हेल्प लेकर या उससे ही प्रतिदिन वार्तालाप कीजिये। आप English News paper , News Channel , English Movies का भी Help लेकर अपनी English को Improve कर सकते हैं। एक बात याद रहे – जैसी आपकी संगति होगी , वैसा आप स्वभाव होगा , इसलिए अच्छे माहौल में रहें और अच्छे लोगों से बातें करें। ऐसे लोगों को ढूंढे जो आपकी इंग्लिश बोलने में मदद कर सकें।
One thing is true – “Practice makes perfect”. This means the more practice you do in English Speaking, the more perfect you will become. Make a good English-speaking friend and take his help or talk to him every day. You can also improve your English by taking the help of English Newspapers, the News Channel, and English Movies. Remember one thing – as is your company, so will your nature. So stay in a good environment and talk to good people. Find people who can help you speak English